हममें से बहुत काम लोग हर समय और हर काम में लीडर होते हैं, लेकिन हम सभी किसी खास समय, खास स्तिथियों में लीडर बन सकते हैं I लीडर होने के लिए आपके पास अनुयायी हों ऐसा आवश्यक नहीं है I सच्चे लीडर जिस काम को सही मानते हैं और जिसे वे दिल से करना चाहते हैं, उसे करते हुए आगे बढ़ जाते हैं, अक्सर उन्हें यह पता नहीं चलता या परवाह ही नहीं होती की कोई उनका अनुसरण कर रहा है या नहीं I डॉ. संजीव चोपड़ा और डेविड फिशर की ये कहानियाँ आपके दिल में उत्तर जाएँगी और आपको नेतृत्व के सिद्धांत अपने रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में उतरने में समर्थ बनाएँगी I